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घर पर उगाई जाने वाली बेहतरीन औषधियाँ
ये कुछ प्रसिद्ध औषधियाँ हैं जो कि भारत के घरों में उगाई जाती हैं और बरसों से इनका इस्तेमाल किया जाता रहा है। ये उपयोगी पौधे आप अपने घर पर उगा सकते हैं।
कीटनाशक नहीं होने के कारण ये सुरक्षित और ओर्गेनिक हैं। इनसे पैसा भी बचेगा और ये स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद हैं। खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही ये उगाई गई ये ताजी औषधियाँ स्वास्थ्य की समस्याओं से भी निजात दिलाती हैं और इन्हें घर पर ही सूरज की रोशनी आने वाली जगह पर गमले में उगाया जा सकता है।
खाने में काम आने के साथ ही इनका औषधीय उपयोग भी है। घर के अंदर उगाने के लिहाज से ये बेहतर हैं। किसी भी गार्डन स्टोर से आप इनके अंकुरित पौधे ले सकते हैं या आप बीजों का पैकिट खरीदकर खुद भी उगा सकते हैं। आप घर पर कौन-कौनसी औषधियाँ उगा सकते हैं? आज बोल्डस्काई के माध्यम से हम आप बता रहे हैं कि भारत के घरों में आप कौनसी औषधियाँ घर पर उगा सकते हैं। आइये नजर डालते हैं ऐसी ही चिकित्सा और इलाज के गुणों वाली औषधियों पर...
ग्वारपाठा
यह धूप से हुये कालेपन को दूर करता है और पाचन तंत्र को भी ठीक करता है। हालांकि यह खाने में इस्तेमाल नहीं होता है लेकिन इसका जैल त्वचा को मुलायम बनाता है। यह त्वचा में पानी की पूर्ति करता है। मोटी पत्तियों को तोड़कर उनका जैल लगाएँ जिससे बेकार पदार्थ त्वचा से बाहर निकलेंगे और यह सूर्य के त्वचा पर प्रभाव को भी कम करता है।
तुलसी
यह परंपरागत औषधि है जो कि बहुत से भारतीय घरों में उगाई जाती है। यह सिर दर्द और पेन रिलीफ़ में भी कारगर है। यह मीठी, सुगंधित, वार्षिक औषधि गमलों में आसानी से उगाई जा सकती है। जैसे ही इनमें सफ़ेद फूल दिखें उन्हें तोड़ दें। इससे आपकी तुलसी कड़वी नहीं होगी। सिर दर्द होने पर तुलसी को मसलकर माथे पर रगड़ सकते हैं। शुद्ध उबले पानी में तुलसी की पत्तियों को डालकर पैर धोने से पैरों का दर्द दूर होता है।
लैवेंडर
सूर्य की रोशनी में उगने वाले इस पौधे में पानी की ज्यादा जरूरत होती है। एक गमला लें और इसे बजरी और हल्की मिट्टी से भर दें। इसे गर्मियों में उगाना बेहतर है। यह एंटीसेप्टिक और एंटी- इन्फ़्लामेटरी है। उसके ऊपर के हिस्से हो तोड़कर मसल लें और इसे एक कटोरी उबलते पानी में डालकर चेहरे पर भाप ले सकते हैं। इसके फूलों का रस आप अपने दागों पर भी लगा सकते हैं।
लेमन बाम
यह घर के अंदर उगने वाली एक बेहतरीन औषधि है। यह ठंडे घावों पर, कीड़े के काटने पर और यह कीड़ों को दूर करने वाली प्राकृतिक औषधि है। इसे गमलों में उगाएँ और यह आपके बगीचे में भी फैल जाएगा। कीड़े-मकोड़ों के काटने से बचने के लिए और कीड़ों को दूर करने वाली प्राकृतिक औषधि के रूप में भी इसे त्वचा पर रगड़ सकते हैं।
पुदीना
पाचन से संबन्धित समस्याओं और जी मिचलने की स्थिति में आप पुदीने की चाय ले सकते हैं। इसे एक बड़े गमले में उगाएँ क्यों कि यह तेजी से फैलता है। ताजा पुदीना के पत्तों की चाय पेट में ऐंठन, मतली, और पेट फूलना आदि का निवारण करती है। यह एक प्राकृतिक सर्दी खाँसी की दवा के रूप में भी काम करता है, एक उथले बर्तन में उबले पानी में पुदीने की पत्तियाँ डालें। सिर पर तौलिया डालकर इस पर झुक जाएँ और सांस की के साथ यह भाप लें।
अजमोद
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और इसे ताजा साँसों के लिए भी चबाया जा सकता है। यह सूरज की रोशनी में नम मिट्टी में बढ़ता है। इसमें जैविक खाद डालें। रोजाना एक टेबल स्पून मसली हुई या कटी हुई अजमोद खा सकते हैं। अजमोद चबाने से मुह की दुर्गंध भी चली जाती है।
मेंहदी
यह मूड ठीक करने और ठंड के इलाज के लिए दालचीनी के साथ इस्तेमाल की जाती है। यह बारहमासी पौधा सूरज की धूप में बढ़ता है। एक चुटकी मेहंदी की चाय बनाकर पीने से मौसमी बीमारियाँ (एसएडी) और विकार दूर होते हैं।
कपूर पत्ता
आप घर पर क्या उगा सकते हैं? शायद कपूर से बेहतर कुछ नहीं। भारत में घरों में उगाई जाने वाली यह सबसे महत्वपूर्ण औषधि है। गले में खराश होने या ठंड लाग्ने पर उबले पानी में इसकी पत्तियाँ डालकर कुल्ला करें। इसे विकसित होने के लिए सूर्य की पूरी धूप और सूखी रेतीली मिट्टी की जरूरत है। एक चौथाई कप पत्तियों का सूप बनाकर कुल्ला करने से गले में खराश से राहत मिलती है।
अजवायन के फूल
यह एक एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक है। इसे सूखी और हल्की मिट्टी में और सूर्य की रोशनी में उगाएँ। यह एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट और एक अच्छा एंटीसेप्टिक है। जुकाम के इलाज के लिए सोने से पहले थाइम से बनी चाय पिये। चेतावनी: गर्भवती महिलाएं इसका इस्तेमाल ना करें।
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