ऑफिस में कार्य करते हुए मन और शरीर दोनों पर प्रभाव पड़ता है। लगातार 9 से 10 घंटे तक बैठे रहने से गर्दन, कंधे और रीढ़ की हड्डी में अकड़न और दर्द पैदा हो जाता है तो मन भी तनावग्रस्त हो जाता है।
दूसरी ओर लंबी अवधि तक निरंतर कम्प्यूटर को देखते रहने के कारण उससे निकलने वाली हानिकर किरणें हमारी आंखों को कमजोर करती रहती हैं। लगातार तनाव बने रहने के कारण हम कुंठाग्रस्त तो हो ही जाते हैं साथ ही सिरदर्द, श्वास संबंधी रोग, कब्ज और अनावश्यक डर आदि का शिकार हो जाते हैं। उक्त सारी शिकायतों के कारण हमारी कार्यक्षमता और व्यवहार में गिरावट आती रहती है।
ऐसे में ऑफिस में योग के अंग संचालन अवश्य करें जिनको करते रहने से शरीर गंभीर रोगों से बचा रह सकता है, साथ ही तनाव को भी मन-मस्तिष्क से दूर रखा जा सकता है।
अंग-संचालन को सूक्ष्म व्यायाम भी कहते हैं। इसे आसनों की शुरुआत के पूर्व किया जाता है। इससे शरीर आसन करने लायक तैयार हो जाता है। सूक्ष्म व्यायाम के अंतर्गत नेत्र, गर्दन, कंधे, हाथ-पैरों की एड़ी-पंजे, घुटने, नितंब-कूल्हों आदि सभी की बेहतर वर्जिश होती है, जो हम थोड़े से समय में ही कर सकते हैं। इसके लिए किसी अतिरिक्त समय की आवश्यकता नहीं होती। आप किसी योग शिक्षक से अंग-संचालन सीखकर उसे घर या ऑफिस में कहीं भी कर सकते हैं।
सही मुद्रा में बैठें : सर्वप्रथम आप ऑफिस चेयर्स पर सही मुद्रा में बैठना सीखें। आरामपूर्ण व सहज बैठने या खड़े रहने का सबसे अनिवार्य रूप से अभ्यास किया जाना चाहिए। अकसर हम सही मुद्रा में खड़े या बैठे नहीं रहने के कारण समस्याओं से घिर जाते हैं। इस कारण रीढ़ की हड्डी़, कंधे, गर्दन और आंखों में शिकायत का शिकार हो जाते हैं।