Interesting Things [ दिलचस्प बातें ]
|
हिंदू क्यूं नहीं खाते गोमांस |
गाय को हिन्दू धर्म में माता के सामान माना गया है। हिन्दू धर्म को मानने वाला हर इंसान गाय को पूजता है और उसकी रक्षा करता है। धार्मिक आस्था से गाय के हर अंग में देवी-देवताओं का वास माना जाता है। यही कारण है कि दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है और उनका मोर पंखों आदि से श्रृंगार किया जाता है।
हिन्दू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण ने गौप्रेम से गौभक्ति और अद्भुत लीलाओं से गौ धन की अहमियत संसार को बताया गया है। यही नहीं गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है। गाय का घी और गोमूत्र अनेक आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के भी काम आता है।
हिंदू धर्म के अनुसार गौमांस खाना पाप है, लेकिन हम में से बहुत से लोग इस बात का कारण नहीं जानते। यदि आप के अंदर भी जिज्ञासा है कि हम हिंदू गौमांस क्यूं नहीं खाते तो, पढे़ हामरा यह लेख।
कृष्ण का गौ प्रेम
भगवान श्रीकृष्ण को गाय अत्यंत प्रिय है। इसका कारण यह है कि गाय सब कार्यों में उदार तथा समस्त गुणों की खान है। गाय का मूत्र, गोबर, दूध, दही और घी, इन्हे पंचगव्य कहते हैं। मान्यता है कि इनको खाने से शरीर के भीतर पाप नहीं ठहरता। कृष्ण ने बहुत सारी गायों को पाला था साथी ही उनकी रक्षा भी करते थे इसीलिए उनको गोपाल के नाम से भी जाना जाता है।
ऋग्वेद
ऋग्वेद में गाय को समस्त संसार की माता कहा गया है। शास्त्रों में गाय के दूध को अमृत तुल्य बताया गया है, जो सभी प्रकार के विकारों, व्याधियों को नष्ट करता है। यही मुख्या कारण है कि गाय को हिन्दू धर्म में पूजा जाता है।
मातृस्वामिक चित्रण
महाभारत के रचयता ऋषि वेद व्यास के अनुसार, गाय को पृथ्वी की माता बताया है। और इसकी रक्षा में ही समाज कि उन्नति है।
गाय दूध देती
गाय का दूध अमृत के समान है, गाय से प्राप्त दूध, घी, मक्खन से मानव शरीर पुष्ट बनता है। यदि बच्चे को बचपन में गाय का दूध पिलाया जाए तो बच्चे की बुद्धि कुशाग्र होती है।
गाय हमे बहुत कुछ देती है मगर बदले में कुछ नहीं लेती
गाय से हमे बहुत कुछ मिलता है जैसे घी, दूध, दही और मक्खन। लेकिन बदले वह हम से सिर्फ सब्जियों के बचे छिलके और घास की ही आशा करती है।
शाकाहारी
हिन्दू ग्रन्थ में मीट खाने की मनाही है। शाकाहारी बन कर हम कई सारे रोगों से मुक्त हो सकते हैं। ग्रंथ में जीव हत्या को पाप बताया गया है इसलिए बहुत से लोग शाकाहारी हैं।
|
|
|
|
|