कैंसर का नाम आते ही मन में डर पैदा हो जाता है, लेकिन अब डरने की जरूरत नहीं। क्योंकि कैंसर के इस डर को खत्म करेगी गाजर की नई किस्म पंजाब ब्लैक ब्यूटी। पीएयू ने आठ वर्षो की रिसर्च के बाद यह किस्म तैयार की है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वेजीटेबल साइंस डिपार्टमेंट के डॉ. तरसेम सिंह ढिल्लों ने काली गाजर पर वर्ष 2005 में शोध शुरू की और वर्षो की कड़ी मेहनत से गाजर की इस आम किस्म को खास बनाया। उन्होंने इसे नाम दिया पंजाब ब्लैक ब्यूटी। डॉ. ढिल्लों ने बताया कि जब वह इस किस्म को तैयार कर रहे थे, तो उनके दिमाग में था कि इसका नाम कुछ ऐसा होना चाहिए, जो पहली बार में ही लोगों की जुबान पर चढ़ जाए। काफी सोच-विचार कर इसके आकर्षक काले रंग के चलते इसे पंजाब ब्लैक ब्यूटी नाम दिया। डॉ. ढिल्लों ने बताया कि पंजाब ब्लैक ब्यूटी का इस्तेमाल दवा के तौर पर कई बीमारियों से बचने के लिए किया जा सकता है। गाजर की इस नई किस्म में कैंसर को रोकने वाला एंथोसायरन तत्व मौजूद है, जोकि एंटी ऑक्सीडेंट होने से कैंसर को रोकता है और एम्युनिटी सिस्टम विकसित करता है। इसमें विटामिन ए भी अधिक है, जो आखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है। यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, खून साफ करने व पेट की बीमारियों को रोकने में भी सक्षम है। अगर प्रति सौ ग्राम के हिसाब से इसके गुणों की तुलना की जाए तो पंजाब ब्लैक ब्यूटी में कैंसर रोकने वाले एंथोसायरन तत्व 183 मिलीग्राम, फनोला 72.70 मिलीग्राम, कैल्शियम 50.50 मिलीग्राम, आयरन 1.10 मिलीग्राम व जिंक .24 मिलीग्राम है। आम लाल गाजर में एंथोसायरन तत्व मात्र 1.20 मिलीग्राम, फनोला 11.07 मिलीग्राम, कैल्शियम 24.50 मिलीग्राम व आयरन .33 मिलीग्राम है, जबकि जिंक लाल गाजर में नहीं होती। पंजाब ब्लैक ब्यूटी से प्रति एक किलो से 580 मिली जूस प्राप्त होगा और इसमें मिठास की मात्र 5.10 प्रतिशत होगी। एक किलो लाल गाजर से सिर्फ 464 मिली जूस निकलेगा और मिठास प्रतिशत भी 3.9 प्रतिशत होगी। पंजाब ब्लैक ब्यूटी अगर प्रतिदिन खाएं तो कई भयानक बीमारियों से बचा जा सकता है।
किसानों के लिए फायदेमंद:
डॉ. ढिल्लों ने कहा कि पंजाब में इस समय करीब चार से पाच हजार हेक्टेयर में लाल गाजर का उत्पादन होता है। इसका इस्तेमाल जूस, सलाद व सब्जी के तौर पर होता है। अगर किसान पंजाब ब्लैक ब्यूटी पैदा करें तो काफी फायदा होगा। इसका प्रति एकड़ उत्पादन दो क्विंटल है और यह किस्म 93 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी लंबाई 26 सेंटीमीटर होती है।