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राई का लेप माथे पर लगाने से मिलता है सिरदर्द से तुरंत आराम, जानें 8 फायदे |
लाइफस्टाइल डेस्क: सरसों की प्रजाति में राई एक महत्वपूर्ण मसाले के तौर पर हर भारतीय रसोई में उपयोग में लाई जाती है। सारे भारतवर्ष में राई की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। राई का वानस्पतिक नाम ब्रासिका नाईग्रा है और इसे काली सरसों के नाम से भी जाना जाता है। आदिवासी अंचलों में इसे मसाले के तौर पर अपनाने के अलावा अनेक हर्बल नुस्खों के रूप में भी आजमाया जाता है। चलिए आज जानकारी लेंगे आदिवासियों के उन नुस्खों के बारे में जिनमे राई को बतौर औषधि इस्तमाल किया जाता है।
1) आदिवासियों के अनुसार राई के बीजों का लेप माथे पर लगाया जाए, तो सिरदर्द में अतिशीघ्र आराम मिलता है। कुछ इलाकों में आदिवासी इस लेप में कपूर भी मिला देते हैं, ताकि जल्दी असर हो।
2) राई के बीज में मायरोसीन, सिनिग्रिन जैसे रसायन पाए जाते हैं। ये रसायन त्वचा रोगों के लिए हितकर हैं। राई को रात भर पानी में डुबोकर रखा जाए और सुबह इस पानी को त्वचा पर लगाया जाए, तो त्वचा रोगों में आराम मिल जाता है।
3) चुटकी भर राई के चूर्ण को पानी के साथ घोलकर बच्चों को देने से वे रात में बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर देते हैं।
4) यदि किसी व्यक्ति को लगातार दस्त हो रहें हो, तो हथेली में थोड़ी सी राई लेकर हल्के गुनगुने पानी में डाल दें। इसे रोगी को पिला दें, तो काफी आराम मिलता है। माना जाता है कि राई दस्त रोकने के लिए अतिसक्षम होती है।
5) राई के बीजों का लेप और कपूर का मिश्रण जोड़ों पर मालिश करने से आमवात और जोड़ के दर्द में फायदा होता है। पातालकोट के कई हिस्सों में आदिवासी इस मिश्रण में थोड़ा सा केरोसिन तेल डालकर मालिश करते हैं। कहा जाता है कि यह फार्मूला दर्द को खींच निकालता है।
6) राई के घोल को सिर पर लगाने से सर के फोड़े, फुन्सी और बालों का झड़ना भी बंद हो जाता है। डांगी हर्बल जानकारों के अनुसार ऐसा करने से सिर से डैंड्रफ भी छूमंतर हो जाता है।
7) राई को बारीक पीसकर यदि दर्द वाले हिस्से पर लेपित किया जाए, तो आधे माईग्रेन में तुरंत आराम मिलता है।
8) धूम्रपान से काले हुए होंठों को लाल या सामान्य करने के लिए अकरकरा और राई की समान मात्रा पीसकर दिन में तीन चार बार लगाते रहने से कुछ ही दिनों में होठों का रंग सामान्य हो जाता है।
9) राई के तेल को गर्म कर दो तीन बूंदे कान में डाली जाएं, तो कान में दर्द होना बंद हो जाता है। जिन्हें कम सुनाई देता हो या बहरापन की शिकायत हो, उन्हें भी इस फार्मूले को उपयोग में लाना चाहिए, फायदा होता है।
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